आज ११ तारीख , तीन दिन के बाढ़ हमारा स्वाधीनता दिबश / हमारा स्वराज आज ७१ शलोमी जाके पौछा, हर एक दिन नया सबेरा और एक नया जीबन , अंधकार त्याग कर के एक उज्जल जीवन में प्रबेश / तमसोमा ज्योतिर गमयः ... लेकिन आप को अगर कोई पूछेंगे की क्या आप अच्छे है ? आप बोलेंगे में अच्छा हु / आप केया सच में अच्छे है ? नहीं , जो देश में अन्नदाता खुद्खुशी करते है , नेता भ्रस्टाचारी है , भूका नंगा लोग बिना खाके सोते है , बेहेन माँ की इज्जत हर रथ लुटा जाता है , आतंकवाद भारत माँ के जिहारन करता है , परोसी देश में पालतू आतंकवादी खुले आम घूमता है , कोई देश को धमकी देता है ,उसी देश में आप कैसे भला रहे सकते है ? जो देश में धर्म और जात लेके राजनीती होता है उस देश में आप कैसे भला रहे सकते है ? इस स्वाधीनता दिबश में और एक बार प्रधान मंत्री भासन देंगे देश की बिकाश के बात और आतंकवाद के खिलाफ जंग घोसित करेंगे , लेकिन होगा कुछ नहीं सीमांत में फौजी सहीद होंगे खेतोंमें अन्नदाता / असल में सिआसत किसीको भी बचने नहीं देगा , आजाद होने नहीं देगा , सिआसत का बैक बोन नहीं होते , जो लोग पॉलिटिक्स करते है ओह इंसान नहीं होते गद्दार होते है / आज कल सिआसत एक बिज़नेस बन गया ; सेबा नहीं रहा , नहीं तो भारत देश नापाक पाकिस्तान को कब कोई टुकड़े कर देता , जवान और अन्नदाता नहीं मरते / इस स्वाधीनता दिबश इंडियन पॉलिटीशन्स लोगो को फिर से सीखना है ,तमसोमा ज्योतिर गमयः ... जय हिन्द ... बन्दे मातरम
आज ११ तारीख , तीन दिन के बाढ़ हमारा स्वाधीनता दिबश / हमारा स्वराज आज ७१ शलोमी जाके पौछा, हर एक दिन नया सबेरा और एक नया जीबन , अंधकार त्याग कर के एक उज्जल जीवन में प्रबेश / तमसोमा ज्योतिर गमयः ... लेकिन आप को अगर कोई पूछेंगे की क्या आप अच्छे है ? आप बोलेंगे में अच्छा हु / आप केया सच में अच्छे है ? नहीं , जो देश में अन्नदाता खुद्खुशी करते है , नेता भ्रस्टाचारी है , भूका नंगा लोग बिना खाके सोते है , बेहेन माँ की इज्जत हर रथ लुटा जाता है , आतंकवाद भारत माँ के जिहारन करता है , परोसी देश में पालतू आतंकवादी खुले आम घूमता है , कोई देश को धमकी देता है ,उसी देश में आप कैसे भला रहे सकते है ? जो देश में धर्म और जात लेके राजनीती होता है उस देश में आप कैसे भला रहे सकते है ? इस स्वाधीनता दिबश में और एक बार प्रधान मंत्री भासन देंगे देश की बिकाश के बात और आतंकवाद के खिलाफ जंग घोसित करेंगे , लेकिन होगा कुछ नहीं सीमांत में फौजी सहीद होंगे खेतोंमें अन्नदाता / असल में सिआसत किसीको भी बचने नहीं देगा , आजाद होने नहीं देगा , सिआसत का बैक बोन नहीं होते , जो लोग पॉलिटिक्स करते है ओह इंसान नहीं होते गद्दार होते है / आज कल सिआसत एक बिज़नेस बन गया ; सेबा नहीं रहा , नहीं तो भारत देश नापाक पाकिस्तान को कब कोई टुकड़े कर देता , जवान और अन्नदाता नहीं मरते / इस स्वाधीनता दिबश इंडियन पॉलिटीशन्स लोगो को फिर से सीखना है ,तमसोमा ज्योतिर गमयः ... जय हिन्द ... बन्दे मातरम
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